पति ने 2 लंड से बीवी को चोदा

पति ने 2 लंड से बीवी को चोदा

Husband Wife Cuckold Porn

 

मेरा नाम रचना है मैं अलवर राजस्थान की रहने वाली हूं। मैं दिखने में एकदम मस्त हूं। मेरा साइज 32 36 38 है, मेरा बदन एकदम चिकना है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं और वह भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं वो रोजाना ऑफिस जाते हैं और ऑफिस आने के बाद मुझे खूब चोदते हैं। Husband Wife Cuckold Pornयह स्टोरी आप पढ़ रहे हैं sexstoryqueen.com पर |

मेरी शादी को 8 साल हो गए हैं, मेरी और मेरे पति की शादीशुदा जिंदगी सामान्य चल रही थी। सब कुछ सामान्य चल रहा था तो मुझे और मेरे पति को कुछ नया चाहिए था. जब वह मेरे साथ सेक्स करते थे तो मुझे किसी और से चुदवाने के लिए कहते थे। पहले तो मुझे यह बहुत अजीब सा लगता था परंतु धीरे-धीरे सामान्य लगने लगा.

उन पर एकदम भूत सवार हो गया था इस बात का. बो मुझे ब्लू फ़िल्म भी दिखाया करते थे… जिसमे 2लोग एक अकेले लड़की को चोदते थे. मुझे ये सब थोड़ा अजीब लगता था. उनके बड़े बड़े लंड देख कर मै उनसे पूछती थी क्या यह सब रियल में होते हैं. तो वह हंस कर बोलते जिस दिन मौका लगेगा खुद देख लेना.

मुझे पता नहीं था कि उनके दिल में क्या चल रहा है मैं समझती थी कि वह सब इंजॉय के लिए सब कर रहे हैं ताकि उनको सुकून मिले और उनको सुकून दिलाने के चक्कर में मैं अभी उनका पूरा सहयोग देती थी वह जैसा बोलते थे मैं वैसा करती थी यह बात आगे जाकर इतनी बढ़ जाएगी मैंने कभी सोचा नहीं था.

वह हमेशा मुझे अनजान लोगों से सेक्सी कहानियां भेजो करते थे. यह सब पढ़ने मुझे अच्छा लगता था पर असल में क्या चल रहा था इस बात को मैं समझ नहीं पाई जब भी वह सेक्स करते थे तो अपना नाम बदल का करते थे जैसे कोई और इंसान मेरे साथ सेक्स कर रहा हो. मेरे लिए यह सब बातें अब आम हो गई थी.

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हम लोग मांसाहारी थे पर ड्रिंक सिर्फ मेरे पति करते थे. धीरे-धीरे जबरदस्ती करके उन्होंने मुझे भी पीने की याद लगवा दी थी मैं थोड़ी पीती थी जिससे कि मुझे होश में होश रहे मगर जब भी हम लोग से शराब पीकर सेक्स करते थे तो मजा कुछ और ही आता था.

 

उनके मन से जैसे सेक्स करने की इच्छा होती मैं उनके साथ सहयोग करती थी. और एक अलग अनुभव एक्सपीरियंस करती. अब इन सब मुझे मजा आने लगा था. मैं खुद ब्लू फिल्म देखी थी और यह सोचती थी कि उनको कैसे सेटिस्फाई करूं हमारी जिंदगी बड़ी अच्छी में चल रही थी. आगे की कहानी मेरे पति की जुबान से-

ऑफिस के फ्री टाइम में मैंने एक कहानी पड़ी जिसे पढ़कर में बहुत ज्यादा गर्म हो गया था मुझे लगा आज मुझे रचना पर भी ऐसी ट्राई करनी चाहिए शाम को मैं शराब लेकर घर पहुंचा, शाम को खाना खाने के बाद हम लोग गिलास लेकर बैठे और ड्रिंक करने लगे.

और मुझे सेक्स का नशा चढ़ने लगा मैंने उसको पकड़ कर अपनी और खींच और मेरे खींचते उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, धीरे धीरे मैंने अपनी वाइफ के और अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए. अब हम दोनों अंडवियर में थे. मैंने अपने दोनों हाथ धीरे से उसकी गांड पर रखते हुए उन्हें दबा दिया.

मेरी कामुक बीवी रचना अब स्शह हह करती हुई मेरे लन्ड को सहलाने लगी. वो खुद ही अपनी चूत में लन्ड रख कर उसे अंदर डालने के लिये मेरी कमर को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करने लगी. जब वह मेरे साथ एक पैक शराब पी लेती है फिर उसे कुछ होश नहीं रहता और वह से वही करती है जो मैं चाहता हूं.

लेकिन मैंने भी लंड अंदर न डाल उसकी चूत के बाहर ही रगड़ना चालू कर दिया. रचना नशे में थी और उसकी सेक्स का नशा चढ़ रहा था थी. उसका बेचैन होना लाजमी था. लेकिन वो बोल नहीं पा रही थी. उसका खुल कर बोलना ही सेक्स के मजे को दुगना कर देता है. मैंने भी अपनी बीवी की चूत में लंड रगड़ते हुए उसे तड़पाया लन्ड के लिए.

मैंने कहा- जब तक तुम मुंह से नहीं बोलोगी कि मुझे तुम्हारा लन्ड चाहिये मेरी चूत में! मैं तब तक नहीं डालूंगा.

रचना कुछ नहीं बोली, चुपचाप तड़पती रही और मेरी कमर को पकड़ कर अपनी तरफ खींचने की कोशिश करती रही. लेकिन मैंने भी ठान रखा था कि आज देखूं कितनी उतेजना झेल सकती है. मैंने रचना के दोनों हाथ ऊपर कर उसकी गर्दन पर बूब्स पर किस करना चालू कर दिया और लंड उसकी चूत पर रगड़ता रहा.

रगड़ रगड़ कर लन्ड और अकड़ खा रहा था. और रचना अपनी कमर उचका उचका कर उसे अंदर डलवाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. उसकी गर्दन चाटते ही उसके मुख से निकल पड़ा- प्लीज़ यार… अंदर डालो! तड़पाओ मत! लेकिन मैं कठोर बन उसकी गर्दन, उसके कंधे चाट रहा था.

मैंने फिर रचना से पूछा- जान डाल दूँ?

रचना हाँ कहते हुए सर भी हिलाने लगी.

मैं- बोलो न फिर… जान मेरी चूत में लंड डाल दो!

रचना- प्लीज़ मेरी चूत में लन्ड डाल दो प्लीज़!

मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा था. अब मैंने रचना की चूत में लन्ड धीरे से डाल दिया. उसकी चूत इतनी गीली थी कि चूत में लन्ड एक ही बार में चला गया. रचना ओह्ह ओहह सस्शहस करने लगी. अब मैं तेज तेज झटके मार रहा था और रचना को देख रहा था.

उसके चेहरे का वो कामुक अंदाज़! उसे देख मेरा ज्यादा देर टिके रहना मुश्किल हो रहा था. रचना और मैं एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे का साथ दे रहे थे. अब रचना ने मुझे कस लिया और तेज तेज झटके मारने लगी. उसके मुख से ‘ओह्ह… ओहह तेज… और तेज!’ की आवाजें निकलने लगी.

वो आवाजें इतनी तेज थी कि मुझे उसके मुख पर हाथ रखना पड़ा. तभी वो ह्म्म्म हम्म्म्म अहह करती हुई स्खलित होने लगी. झटकों में रचना की हर सिसकारी, उसके चेहरे पर चुदने से मिलने वाला सुकून देख मैं उसकी कल्पना करने लगा कि अगर रचना अभी किसी और मर्द के नीचे लेट कर चुद रही होती तो कितनी मस्ती में चुद रही होती. और इतना सोचने मात्र से मेरा भी स्खलन हो गया। रचना की की जुबान से……..

कुछ दिनों बाद मेरे पति ऑफिस के काम से 2 महीने के लिए बाहर की ट्रिप लगी और मैं उदास हो गई इतने दिन में बिना अपने पति की कैसे रहूंगी पर नौकरी वाला सवाल था तो मेरे पति को जाना पड़ा मैं कैसे भी अपने दिल को समझाया और दिल पर पत्थर रख कर उनको बाहर भेजा.

यह 2 महीने मेरे लिए मुश्किल थे पर जो भी हो मुझे काटने तो थे ही. इस समय के दौरान मेरा मन ऐसा करता था कि कोई आए और मेरी चूत फाड़ दें। वहां जाकर भी अपनी हरकतो से बाज नहीं आए.मुझे अनजान लोगो से सेक्स की कहानी और वीडियो भेजते थे… जिनको पढ़कर और देखकर मुझे सेक्स चढ़ जाता था और मैं उनसे बोल दी थी कि मैं अब क्या करूं.

तो बोलते थे कि किसी से भी चुदवा ले मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मगर उन्हें क्या पता था कि इस बार मेरा मन रियल में सेक्स करने के लिए होने लगा था मुझे बस लंड चाहिए था जो मेरी चूत को फाड़ कर रखते हैं. उनके जाने की 1 महीने बाद मुझे सेक्सी बहुत ज्यादा तालाब होने लगी मेरा शरीर गर्म हो जाता और पूरे दिन बुखार सा रहने लगा.

मुझे काबू नहीं हो रहा था अपने आप को ऐसे रख पाना मैं मजबूर हो चुकी थी ऊपर से मेरे पति और मुझे कहानी और वीडियो भेजते मैं उनको मना कर दी प्लीज ऐसा ना करो मुझे बहुत दिक्कत होती है. मगर वह मुझे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते मुझे दुनिया में बिना सेक्स का कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. आगे की कहानी मेरे पति की जुबान से…..

अचानक ऑफिस के काम से मुझे 2 महीने के लिए बाहर जाने का नोटिफिकेशन मिला मुझे बहुत बुरा लगा मगर मैं कर कह सकता था मुझे ऑफिस के काम से वहां जाना ही था. रचना से दूर जाने की मेरी इच्छा नहीं थी… मगर मजबूर था 2 महीने तक हम लोगों में कोई भी ऐसी बात नहीं हुई और ना ही हम लोगों ने फोन पर भी ज्यादा बात कर पाई.

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इधर मैं भी तड़प रहा था उसे मिलने के लिए उधर वह भी वैसे ही बेचैन थी मुझसे मिलने के लिए. यह बात मुझे बाद में जाकर पता चली. आखिर 2 महीने का समाप्त हुआ और मैं घर जा रहा था शाम की बस से और उसके बारे में ही सोच रहा था कि घर जाकर उसको सरप्राइज दूंगा.

आज शराब पीने के बाद हम लोग सेक्स करेंगे यह सब सोचकर कर मेरा पेंट में ही तन्ना जाता था. यही मेरठ में मेरा एक दोस्त बना था जो कि मेरे साथ ही आने वाला था जो मेरे शहर अलवर के पास का ही रहने वाला था रात ज्यादा होने के कारण और बाहर का मौसम खराब होने के कारण मैंने उसे अपने घर में रुकने के लिए मजबूरन मुझे कहना पड़ा.

और उसके पास कोई और विकल्प न होने के कारण उसने भी हां कर दी, शाम 6:00 बजे अपने घर पहुंचा और मैं जाते रचना को गले लगा लिया. और किस करने लगा वह बोली थोड़ा सबर करो जो भी करेंगे हम रात को करेंगे आप जाकर दारू लेकर आओ और साथ में चिकन भी मैं शाम को मार्केट गया और दारू लेकर आया. आगे की कहानी रचना की जुबान से-

मेरे पति जब वापस आए तो शाम के करीब 6:00बजे बजे होंगे. उनके साथ उनका एक दोस्त भी था, उसका घर अलवर से आगे एक शहर में था. सर्दियों के दिन थे, इस वजह से हमने उसे वहीं रुकने के लिए कहा और वह मान गया. हमने रात को खाना खाया और उनके दोस्त का एक कमरे में बिस्तर लगा दिया. मैं और मेरे पति अपने कमरे में आ गए.

कमरे में आते ही हम दोनों ने शराब पीना चालू कर दी मैं बड़ा पैक बना कर दे रही थी और साथ में मैं भी छोटा पैक ले रही थी, बहुत दिन से मेरी चूत प्यासी थी। उन्हें देखते ही मेरा मन कर रहा था कि खा जाऊं उनके लंड को। थोड़ी देर बाद वे मेरे पास आए और मेरे कपड़े उतारने लगे.

मैंने उनसे कहा- अभी तो आपके दोस्त सोए भी नहीं हैं, अभी मत करो प्लीज!

लेकिन मेरे पति नहीं माने और उन्होंने मुझे धीरे धीरे नंगी कर दिया. मैंने भी कुछ खास मना नहीं किया। फिर वे मेरे होंठ चूसने लगे, कभी मेरे निप्पल दबाते, कभी मेरी चूत पर हाथ फेरते। मैं खूब गर्म हो चुकी थी मैंने उनसे कहा- अब चोद ही डालो ना मुझे।

तब हम दोनों चुदाई में मगन हो गए. हम दोनों जोश में थे, तब उन्होंने मुझसे बोला- रचना आज तो दो हो जायें? मैं उनका इशारा समझ चुकी थी, मैंने ना में इशारा किया। परंतु वे नहीं माने. कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे फिर कहा. मेरा मन खूब चुदवाने को कर रहा था तो मैंने बोल दिया- जाओ, बुला लाओ।

मेरे पति सच में चले गए तो मैं एकदम से सहम गई, मैंने उन्हें आवाज लगा कर रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी. मैं डर की वजह से अपने कपड़े पहनने लगी लेकिन थोड़ी देर बाद ही वे दोनों कमरे में आ गए. मैं अपने कपड़े नहीं पहन पाई थी इसलिए मैंने अपने आप को रजाई से ढक लिया.

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मेरे पति मुझसे कहने लगे- रचना, अब मान भी जाओ!

और उनका दोस्त भी कहने लगा- भाभी जी, अब मान भी जाओ ना… हमें भी तो मौका दो आपकी सेवा करने का। आप चाहो तो मैं अगली बार अपनी पत्नी को भी लेकर आऊंगा और फिर हम चारों मजे लेंगे।

धीरे धीरे वो दोनों मुझे मनाने लगे. मेरा मन तो खूब कर रहा था परंतु मैं अपने पति के सामने नहीं चुदवाना चाहती थी। मेरे मन में कई तरह के सवाल उठ रहे थे परंतु वे दोनों मेरे पास आकर बैठे। मेरे पति ने मुझे पीछे से बांहों में भर लिया और मेरी गर्दन पर किस करने लगे.

मैं छटपटाने लगी और उनका दोस्त मेरे पैरों पर हाथ फिराने लगा. अब मैं अपना कंट्रोल खोती जा रही थी। धीरे-धीरे उनका दोस्त हाथ फिराते फिराते मेरी चूत तक आ गया. फिर तो मैंने सोच लिया कि आज तो हो ही जाने दो। फिर हम तीनों चुदाई में मग्न हो गए.

कभी उनका दोस्त मेरी चूची को काटता, कभी मेरी चूत पर किस करता. मैं तो मानो पागल सी हो जा रही थी। फिर धीरे से उनके दोस्त ने मेरे सर पर हाथ लगा कर अपने लंड की तरफ इशारा किया. मैं समझ गई कि वह मुझसे अपना लंड चुसवाना चाहता है.

मैं भी जोश में थी, मैंने उसका सारा लंड मुंह में ले लिया और गपागप चूसने लगी. मेरे पति यह नजारा देखकर एकदम भौचक्के से रह गए क्योंकि आज से पहले मैं इतने जोश में कभी नहीं चुदी थी। लेकिन वो जानते थे कि यह सारा खेल उन्होंने ही रचा है तो अब एतराज भी क्या करना!

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वे सब देख रहे थे कि कैसे उनकी प्रिय पत्नी को कोई कोई गैर मर्द नोच रहा था. कभी वह मेरी कमर पर किस करता, कभी मेरे मम्मे दबाता. वह मेरी छाती को खाए जा रहा था और मैं पूरे जोश में उसका साथ दे रही थी। फिर मैंने अपने पति के दोस्त को अपने ऊपर सीधा कर लिया.

और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत में ले लिया क्योंकि हमें बहुत दिन हो गए थे तो उनका दोस्त मुझे अपनी बांहों में लेकर गपागप चोदने लगा और मैं मस्त हो कर उसका साथ दे रही थी. कुछ देर बाद वो झड़ने वाला था। मैंने भी अपने हाथों से उसके कंधों को पकड़ रखा था और उसके पैरों को अपने पैरों से जकड़ रखा था. मैं उसकी बाहों में झड़ना चाहती थी। फिर हम दोनों चरम सीमा पर आ गए.

तो मैंने उससे कहा- अपना पानी मेरी चूत मैं ही निकाल दे!

उसने सारा वीर्य मेरी चूत में भर दिया. उसका वीर्य चूत से निकल कर जांघ पर बह निकला। मैं पहली बार अपने पति के अलावा किसी दूसरे के लंड से झड़ी थी। मेरे पति इन सबके बीच थोड़े से अलग हो गए थे, वे जानते थे कि आज मैं उनके दोस्त के लंड से झड़ना चाहती हूं।

फिर मैंने अपने पति को कहा- जल्दी से आ जाओ और मेरी प्यास बुझा दो।

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वीर्य से भरी हुई चूत में फिर मेरे पति ने अपना लंड डाल दिया और गपागप चोदन करने लगे मेरी गीली चुदी हुई चूत का… फिर थोड़ी देर बाद वे भी झड़ गए. दो मर्दों का वीर्य मेरी चूत में समा नहीं रहा था. यह पहली बार था जब मैंने किसी और का लंड अपनी चूत में लिया था. यह एक सच्ची कहानी है. इससे ज्यादा और मैंने उस समय पर कुछ नहीं किया था। जैसा उस दिन घटित हुआ था, वैसा मैंने आपको बता दिया. क्योंकि पहली बार था इसलिए हम सब थोड़े नर्वस भी थे. फिर सुबह उनका दोस्त चला गया और मेरे पति मुझसे पूछने लगे- कैसी रही रात?

मैं बस हल्की सी मुस्कुराती रही और रात के बारे में सोचती रही. उसके बाद ऐसा फिर कभी नहीं हुआ। ना कभी उन्होंने मुझसे कुछ कहा, ना मैंने अपने पति से कुछ कहा कि उसे फिर बुला लो या नहीं! क्योंकि मैं एक पतिव्रता औरत थी इसलिए मैं अपने पति की नजर में गिरना नहीं चाहती थी. उस रात भी जो कुछ हुआ था, वह सब मेरे पति की मर्जी थी. लेकिन मैं अब सोचती हूं कि काश ऐसा फिर हो जाए, अबकी बार में बिल्कुल रंडी की तरह चुदूँगी। क्या आप मेरी इस कहानी से सहमत हैं?

 

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