Dost ki vidhwa biwi ki chudai story दोस्त की विधवा बीवी की अन्तर्वासना

मेरे दोस्त की जवान मृत्यु के बाद मैं उसकी पत्नी की मदद किया करता था. एक दिन किसी काम से मैं भाभी को बाइक पर बैठा कर ले गया तो रास्ते में … Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
मेरा नाम सूरज है. मैं मध्यप्रदेश का रहने वाला हूं और मैं एक छोटे शहर से वास्ता रखता हूं. मेरी हाईट 5.6 है और मेरे हथियार का साइज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं या यूं कहें तो मैंने इसकी सभी कहानियां पढ़ी हैं. कहानी पढ़ते पढ़ते सोचा कि अपनी भी कुछ सच्चाई आपके सामने पेश करूं. यह स्टोरी आप पढ़ रहे हैं sexstoryqueen.com पर |
अब आते हैं मेरी कहानी पर जो मेरे जीवन की एक सच्ची घटना है. मेरे शहर में ही मेरे एक दोस्त, जिसकी कुछ समय पहले मृत्यु हो गई थी, उनका पूरा परिवार रहता है. मेरा उनके घर में आना जाना लगा रहता था.
यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त की विधवा बीवी के बीच घटी घटना है. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
बात आज से 7 साल पहले की है तब मेरे दोस्त की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई. उस समय उसकी उम्र 34 साल थी. हालांकि वो मेरे से उम्र में बड़ा था पर हममें अच्छी बनती थी. उसकी मौत के बाद उसकी बीवी, जिसका नाम मैं नहीं लिखूंगा क्योंकि मैं नहीं चाहूँगा कि उसका नाम आए, और मेरे बीच की है.
बात तब की है जब मेरे दोस्त की मौत को सिर्फ 2 महीने हुए थे. उनके घर में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद शुरू हो गए. उस समय मेरी भाभी (मेरे दोस्त की पत्नी) अपने दोनों बच्चों के साथ अलग रहने लगी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
उस टाइम उसका बेटा आठ साल का था और बेटी तीन साल की थी. भाभी का फिगर बहुत ही कमाल का था 34 28 38. वो दिखने में बहुत ही अच्छी ओर सुंदर लगती हैं. मैं उनके घर जाता रहता था तो भाभी मुझे कोई भी काम बता देती थी और मैं उनके काम भी कर दिया करता था.
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और मेरे दोस्त की मौत को लगभग 8 महीने गुजर गए.
एक दिन भाभी ने मुझे फोन किया कि गैस एजेंसी चलना है, गैस के कुछ कागज में नाम बदलना है. तो मैं उनको अपनी बाइक पर ले कर निकल पड़ा. हमारे शहर से गैस एजेंसी की मेन ब्रांच 60 किलोमीटर दूर है तो हम बाइक पर साथ जाने के लिए निकले. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
उस दिन मौसम भी बहुत सुहाना था, हल्की ठंडी पड़ रही थी. बाइक पर जाते समय भाभी ने एक जगह थोड़ी देर के लिए गाड़ी रोकने के लिए कहा. वो जगह बहुत ही शांत और सुंदर लग रही थी. भाभी अचानक मेरे पास आकर कहने लगी- अब मेरी भी मर जाने की इच्छा होती है. पर क्या करूं … बच्चों को देख कर दिन काटना पड़ता है.
ऐसा कह कर भाभी रोने लगी.
मैं उनको समझाने लगा. समझाते हुए वो अचानक से मेरे सीने से लग गई. मेरे पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई.
कुछ देर में अपने आप को संभालने के बाद भाभी मुझसे अलग हुई और बोली- मैं तुमको अपना सच्चा दोस्त समझती हूं. तुम मुझे गलत मत समझना. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
फिर हम गाड़ी पर बैठ कर निकल गए. पर अब भाभी का गाड़ी पर बैठने का अंदाज बदल गया था. वो मुझसे ज्यादा चिपककर बैठ रही थी और दोनों हाथ मेरी कमर में डाल कर बैठ गई थी.
गैस एजेंसी में हमने काम निपटाया. काम निपटाने में हमें शाम हो गई. जब हम वापस आने के लिए निकले तब अंधेरा हो गया था और दिन भी ठंड के थे तो ज्यादा ट्रैफिक नहीं था.
भाभी ने फिर दोपहर वाली जगह पर गाड़ी रुकवाई. इस बार उनका इरादा मुझे कुछ समझ नहीं आया. वो एक डैम का किनारा था.
वो बोली- देखो कितना रोमाँटिक नजारा हैं. चांद की रोशनी में कितना सुंदर लग रहा है. यहाँ अगर मेरा बॉयफ्रेंड होता तो मैं उसकी किस ले लेती इस नजारे को देख कर!
ऐसा बोल कर वो मेरे तरफ बढ़ी और मुझसे लिपट गई.
मैंने भाभी के दोनों कंधों को पकड़ा और एक हाथ से गर्दन उपर उठा कर किस करने लगा. किस करते करते हम दोनों के दूसरे में खो गए. मैं कभी उसके ऊपर के होंठ को चूसता, कभी नीचे के ओंठ को!
वो भी अपनी जबान मेरे मुख में पूरी घुसा रही थी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
इस तरह हम लगभग 15 मिनट एक दूसरे को किस करते रहे.
फिर मैंने कहा- भाभी, ज्यादा रात करना ठीक नहीं है. अब जल्दी चलते हैं.
तो हम गाड़ी पर बैठे ओर जल्दी चलने लगे ठंड के कारण भाभी ने मेरे जैकेट की जेबों में हाथ डाल कर रखा था और वो बार बार मेरे लंड को टच कर रही थी. उसके टच की वजह से और कुछ देर पहले हुई किस के कारण मेरी कामुकता पूरे उफान पर थी जिसका वो पूरा मजा ले रही थी.
घर में जाकर मैंने उसको उसके घर छोड़ा. तब उसकी बेटी को अचानक बुखार आ गया था तो उसको लेकर डॉक्टर के पास गए और मैं अपने घर आ गया.
फिर 2 दिन बाद भाभी का फोन आया- क्या तुम आज रात मेरे घर रुकने आ सकते हो? पास में मय्यत हो गई है तो मुझे बहुत डर लग रहा है.
मैंने कहा- ठीक है. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
मैं रात में घर से खाना खाकर 9:30 पर निकला और भाभी के घर पहुँच गया. घर का दरवाजा खुला था. मैं अंदर गया तो उसके दोनों बच्चे जाग रहे थे.
मैंने थोड़ी देर बच्चों के साथ मस्ती की फिर दोनों बच्चे सो गए. उसने सामने वाले कमरे में मेरा भी बिस्तर लगा दिया और मैं भी सो गया.
मेरे सोने के कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरे लोवर के उपर से कोई मेरे सामान को छेड़ रहा है. पर मैं चुपचाप पड़ा रहा. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
फिर उसने धीरे से मेरा लोवर नीचे किया और मेरे हथियार से खेलने लगी. उसके हाथ लगाने से मेरा सामान पूरा तन कर 7 इंच का हो गया. जब उसने मेरा खड़ा देखा तो वो अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
तभी मैं भी उठ बैठा ओर बोला- आप मेरी भाभी हो!
तो वो बोली- जब से तुम्हारे भइया गए हैं, तब से मैं प्यासी हूं. 10 महीने बीत गए हैं, अब मैं और कंट्रोल नहीं कर सकती. तुम पर मैं पूरा विश्वास करती हूं इसलिए मैंने तुम्हारे साथ करने का फैसला किया है.
मैंने कहा- ठीक है भाभी!
फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे. किस करते करते मैं उसके कंधों पर किस करने लगा. फिर उसको घुमा कर उसकी पीठ पर किस करने लगा और सामने उसके 34 साइज के चूचे दबाने लगा. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
इसके बाद मैंने उसकी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी खोल दिया. अब भाभी मेरे सामने पेटीकोट और ब्रा में थी. फिर मैं उसको किस करने लगा. मैंने भाभी को ब्रा के ऊपर से ही सभी जगह किस किया. फिर उसके पेट पर किस करते करते उसकी नाभि में जीभ डाल कर घुमाई तो भाभी मचल उठी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
फिर मैंने भाभी के पेटीकोट को उतार दिया और उसकी जांघों पर किस करने लगा. फिर मैंने उसकी पेंटी के ऊपर से भाभी की योनि को स्पर्श किया तो वो सिहर गई. फिर मैंने भाभी की ब्रा और पैंटी उतारी. इसके बाद मैंने अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए.
पति पत्नी और साली तीनों का थ्रीसम सेक्स
तब मैं भाभी के दोनों बूब्स को दबा कर चूसने लगा, वो हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर धीरे से हम 69 की पोज़ीशन में आ गए.
भाभी की चूत पर हल्के बाल थे जैसे एक दो दिन पहले ही साफ किए हों. जब मैंने भाभी की चूत पर मुँह रखा तो मुझे बहुत ही अजीब सा नमकीन स्वाद लगा. मैं भाभी की चूत को चूसने लगा और जीभ डाल कर मुखचोदन करने लगा. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
भाभी मस्त होकर मेरा लन्ड चूस रही थी.
ऐसा करते करते हम दोनों एक दूसरे के मुख में झड़ गए. मैं उसका और वो मेरा पूरा पानी पी गई.
फिर 2 मिनट बाद ही हम दोबारा किस करने लगे. मेरा हथियार फिर अपना आकार लेने लगा. उसने जल्दी से मुख में लेकर मेरा हथियार पूरा खड़ा किया और बोलने लगी- अब जल्दी से डाल कर मेरी चुदासी चूत को फ़ाड़ दो. इसने बहुत तड़पाया है मुझे!
मैंने कहा- भाभी, तुम चिंता मत करो, मैं आज तुम्हारी चूत की ऐसी सेवा करूंगा कि इसकी सारी तड़फ खत्म हो जाएगी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
Bhabhi Ki Antarvasna
ऐसा कह कर मैं उसके दोनों पैरों के बीच आ गया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट कर एक धक्का लगाया तो आधा लंड उसकी चूत में उतर गया.
भाभी के मुंह से प्यारी सी अहा निकल गई. वो बोली- जरा धीरे … 10 महीने बाद चुद रही हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
और धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मैं अपना लंड भाभी की चूत के अन्दर करने लगा. जब पूरा लंड अन्दर हो गया तो भाभी ने अपने दोनों पैर मेरी कमर में जकड़ दिए और हर धक्के में मेरा साथ देने लगी.
मैं भी अपनी स्पीड को धीरे धीरे बढ़ाते हुए धक्के लगाने लगा. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
करीब 5 मिनट बाद भाभी का शरीर अकड़ने लगा और वो मुझसे कस के चिपक कर झड़ गई. भाभी की चूत ने इतना पानी छोड़ा कि वो पानी बह कर चूत के बाहर तक आ गया.
फिर मैंने भाभी को खड़ी किया और घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड उतार दिया. उसने एक गहरी आह निकाली.
मैं उसकी चूचियों को पकड़ कर उसकी फुल स्पीड में चुदाई करने लगा और लगभग 20 मिनट भाभी की चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया.
इस बीच वो 3 बार अपना पानी निकाल चुकी थी. Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
फिर हम नंगे ही लेट गए और सो गए.
उसके बाद उस रात हमने 2 राउंड और चुदाई की.
तो दोस्तो, बताना कैसी लगी आपको मेरी सच्ची कहानी? Dost ki vidhwa biwi ki chudai story
Also Read :- Parayi chut chod kar bana baap परायी चूत चोद कर बना बाप
Choti sali ki chudai kahani छोटी साली की चुदाई कहानी
Sexy hot bhabhi ki chudai सेक्सी हॉट भाभी की चूत की चुदाई का मजा