Dost ki maa ki chudai sex story दोस्त की सेक्सी मम्मी को पीछे से पकड़कर पेला

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Dost ki maa ki chudai sex story दोस्त की सेक्सी मम्मी को पीछे से पकड़कर पेला

(दोस्त की माँ को बनाया अपनी रांड)

Friend’s mom sex story – Aunty fuck sex story – dost ki maa ki chudai sex story: मेरा नाम सोनू है, मैं देखने में काफी स्मार्ट हूं और मेरी उम्र 21 साल है। मेरा एक दोस्त है अभय, और ये कहानी मेरी और अभय की मां खुशी आंटी की है। यह स्टोरी आप पढ़ रहे हैं sexstoryqueen.com पर | Dost ki maa ki chudai sex story 

आंटी की उम्र लगभग 40 साल है, लेकिन वो अभी भी इतनी जवान लगती हैं कि कोई भी देखकर पागल हो जाए। मुझे पता था कि आंटी अंकल से खुश नहीं हैं, क्योंकि अंकल उनकी जरूरतें पूरी नहीं कर पाते थे, वो बस नाम के पति थे। आंटी की वो आग, वो प्यास जो एक औरत को चाहिए, वो सब अधूरी रह जाती थी। Dost ki maa ki chudai sex story

ये कहानी आज से दो महीने पहले की है, यानी अक्टूबर 2025 के आसपास। एक दिन मैं अभय के घर गया, घर में न अभय था न अंकल। जैसे ही मैं अंदर दाखिल हुआ, मैंने देखा आंटी अपनी सलवार के अंदर हाथ डाले अपनी चूत को मसल रही थीं। उनकी आंखें बंद थीं, होंठ काट रही थीं, और हल्की-हल्की सिसकारियां निकल रही थीं – आह… इह्ह… ओह्ह… इतनी गर्मी से वो खुद को संभाल रही थीं कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मेरी नजर बदल गई, क्योंकि मैं भी एक जवान चूत की तलाश में था, और आंटी का वो रूप देखकर मेरे मन में गंदे ख्याल आने लगे। Dost ki maa ki chudai sex story

आंटी ने मुझे देख लिया और घबरा गईं, जल्दी से हाथ बाहर निकाला। वो शरम से लाल हो गईं, बोलीं, “प्लीज सोनू, किसी को मत बताना…” मैं बेड पर उनके पास बैठ गया, उनका हाथ पकड़ा और कहा, “टेंशन मत लो आंटी, मैं किसी को नहीं बताऊंगा।” मौके का फायदा उठाते हुए मैंने पूछा, “आंटी, ये सब क्यों कर रही हो… इतनी बेचैन क्यों लग रही हो?” वो शरमाती हुई बोलीं, “सोनू… मेरी भी आग है अंदर… तेरा अंकल तो बस नाम का मर्द है, मेरी चूत की प्यास बुझा ही नहीं पाता… अब कहां जाऊं मैं, किससे मांगूं ये सुख?” उनकी ये बात सुनकर मेरे मन में वासना की लहर दौड़ गई, मैंने सोचा क्यों ना इस प्यासी चूत को अपना बना लूं। Dost ki maa ki chudai sex story

मैंने उनका हाथ मसलना शुरू किया, बोला, “आंटी, आपको एक बात बताऊं? मुझे आप बहुत पसंद हो, मैं आपकी सारी जरूरतें पूरी कर सकता हूं।” मेरी आंखों में साफ वासना झलक रही थी। आंटी बोलीं, “क्या बात कर रहा है तू? पागल हो गया है, तू मेरे बच्चे जैसा है।” मैंने कहा, “आंटी, प्यार की कोई उम्र नहीं होती, अगर डर है कि किसी को पता चल गया तो विश्वास करो, मैं ऐसी कोई हरकत नहीं करूंगा।” धीरे-धीरे मैं उन्हें अपने जाल में फंसा रहा था, और आंटी मेरी बातों में आने लगीं। Dost ki maa ki chudai sex story

मैंने अपना मुंह उनके मुंह की तरफ बढ़ाया, उनकी सांसें तेज हो रही थीं, गर्म हवा मेरे चेहरे पर लग रही थी। जैसे ही मेरे होंठ उनके नरम, रसीले होंठों से टकराए, मैंने उन्हें चूसना शुरू किया – पहले हल्के से, फिर जोर से काटते हुए। आंटी की आह निकली, “आह्ह… सोनू…” वो लंड की प्यासी थीं, महीनों से तरस रही थीं, और अब वासना की लहरों में डूब गईं। उन्होंने मेरे होंठों को इतनी बेताबी से चूसा कि हमारी लार मिल गई, मीठी-नमकीन स्वाद फैल गया। Dost ki maa ki chudai sex story

मैंने पीछे से उनकी कमर सहलाई, उनकी नाइटी के नीचे गर्म त्वचा महसूस हुई, और धीरे-धीरे उन्हें बेड पर धकेला। वो लेट गईं, उनकी सांसें उखड़ी हुईं, और मैं उनके ऊपर चढ़ गया, मेरा खड़ा लंड उनकी जांघों से रगड़ खा रहा था, जिससे मेरे मन में बस एक विचार था – आज रात ये चूत मेरी है। Dost ki maa ki chudai sex story

तभी हमें किसी के आने की आहट हुई, आंटी ने मुझे साइड किया और बेड पर बैठ गईं। अभय आ गया, बोला, “मां, क्या बातें चल रही हैं सोनू के साथ?” आंटी बोलीं, “कुछ नहीं बेटा।” अभय बोला, “तो बैठ, मैं नहाकर आता हूं।” उसके जाने के बाद आंटी बोलीं, “सोनू, जो हम कर रहे हैं वो गलत है, अभी जो हुआ उसे भूल जा।” Dost ki maa ki chudai sex story

मैं कुछ नहीं बोला, लेकिन जानता था आंटी मेरे लंड को अपनी चूत में लेना चाहती हैं, बस दुनिया का डर था। तभी अंकल आ गए, बोले, “खुशी, आज मेरे दोस्त के घर पार्टी है, सबको जाना है।” आंटी बोलीं, “तुम और अभय चले जाओ, मेरी तबीयत खराब है।” अंकल बोले, “फिर रात अकेली कैसे रहोगी?” अभय बोला, “पापा, सोनू सो जाएगा यहां।” मैंने हां कर दी, क्योंकि इसी मौके का इंतजार था। Dost ki maa ki chudai sex story

रात हो गई, अंकल और अभय पार्टी चले गए, घर में सिर्फ मैं और आंटी। आंटी ने नाइटी पहनी थी, जिसमें उनके मोटे-मोटे बूब्स साफ दिख रहे थे, निप्पल उभरे हुए। वो किचन में गईं, मैं उन्हें देखता रहा, उनकी मोटी गांड हिल रही थी, हर कदम पर जिगल कर रही थी जैसे मुझे बुला रही हो। मेरे अंदर आग लग गई, लंड तन गया। Dost ki maa ki chudai sex story

मैं अपना होश खो बैठा, किचन में गया और पीछे से उन्हें कसकर पकड़ लिया, मेरा लंड उनकी गांड की दरार में दब गया। आंटी बोलीं, “छोड़ मुझे सोनू, नहीं तो अंकल को फोन करती हूं।” मैं बोला, “आज मैं किसी से नहीं डरता आंटी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं।” आंटी बोलीं, “समझ मेरी बात…” लेकिन मैंने उनकी एक नहीं सुनी, उनकी गर्दन चूमने लगा, जीभ से चाटते हुए। Dost ki maa ki chudai sex story

आंटी बार-बार कह रही थीं, “ऐसे मत कर… आह्ह…” लेकिन मैं रुकने वाला कहां था। मैं उन्हें चूम-चूमकर गर्म कर रहा था, उनकी त्वचा पर पसीना आ गया, कमरे में उनकी खुशबू मिली मस्क की महक फैल रही थी। आंटी वासना में डूब रही थीं, उनका शरीर गर्म हो रहा था, जांघें कांप रही थीं। Dost ki maa ki chudai sex story

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आंटी बोलीं, “बस कर सोनू, कुछ हो जाएगा…” मैंने कहा, “किसने रोका है आपको, मैं हूं ना, अपनी तमन्ना पूरी कर लो।” आंटी आपा खो बैठीं, मेरी तरफ मुड़ीं और होंठ चूसने लगीं, “ओह्ह सोनू… तूने मुझे पागल कर दिया…” मैं उनके होंठ चूसते हुए नाइटी के ऊपर से बूब्स मसलने लगा, निप्पल पिंच करते हुए। आंटी मेरी पीठ सहला रही थीं, नाखून गड़ा रही थीं। Dost ki maa ki chudai sex story

अब हम दोनों वासना में डूबे थे, कोई नहीं रोक सकता था। आंटी बोलीं, “सोनू, कभी मुझे छोड़कर तो नहीं जाएगा?” मैंने कहा, “कभी नहीं खुशी…” फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया, कमरे में ले गया, बेड पर लिटाया और ऊपर गिर गया। उनके होंठ फिर चूसे, जीभ अंदर डालकर घुमाई। हम एक-दूसरे को चूम-चूमकर प्यार करने लगे, फिर मैंने उनकी नाइटी उतारी, सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं। Dost ki maa ki chudai sex story

उनके बड़े-बड़े बूब्स देखकर पागल हो गया, ब्रा उतारी और चूमने लगा, निप्पल काटते हुए – “आंटी, कितने रसीले हैं ये… मेरा दूध चूसो ना…” आंटी ने मुझे नंगा किया, मेरा लंड पकड़ा, बोलीं, “सोनू, तेरा लंड तो इतना बड़ा है… मैं तुझे बच्चा समझती थी, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा…” मैंने कहा, “आंटी, आज के बाद आप कभी प्यासी नहीं रहेंगी।” Dost ki maa ki chudai sex story

मैंने उनके बूब्स दबाए, चूसे, फिर पैंटी उतारी। आंटी बोलीं, “मुझे लंड चूसना अच्छा नहीं लगता…” लेकिन उन्होंने थूक निकाला, चूत पर मला, वो पहले से गीली थीं, रस टपक रहा था। मैंने लंड का सुपारा चूत पर रगड़ा, ऊपर-नीचे सरकाते हुए, आंटी कांप उठीं – “ओह्ह… सोनू, डाल ना अंदर… आह्ह इह्ह…” फिर जोरदार धक्का मारा, मेरा मोटा लंड उनकी टाइट चूत को चीरता अंदर घुस गया, गर्म गीली दीवारें जकड़ रही थीं। Dost ki maa ki chudai sex story

आंटी चीखीं, “आअह्ह्ह्ह… ह्ह्ह… इतना बड़ा… फाड़ देगा!” लेकिन दर्द सुख में बदल गया, मैं धक्के मारने लगा – थप थप की आवाज, पसीना मिल रहा था, सेक्स की मादक महक फैली। आंटी बोलीं, “जोर से चोद सोनू, फाड़ दे मेरी चूत को… इतने दिनों की भूखी हूं, मत रुकना… ओह्ह इह्ह… और गहरा!” मैं जोर-जोर से पेल रहा था, वो आह्ह… ह्ह… आऊ… ऊऊ… ऊउइ… ऊई… उईईई… कर रही थीं, उनकी चूत रस छोड़ रही थी। Dost ki maa ki chudai sex story

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थोड़ी देर बाद मेरा निकलने लगा, मैंने चूत में ही झड़ दिया। आंटी बोलीं, “सोनू, तूने मेरी आग शांत कर दी… जब मन करे आ जाना चोदने।” लेकिन रात अभी बाकी थी, हमने ब्रेक लिया, आंटी ने एक सिगरेट शेयर की, बोलीं, “तूने मुझे फिर जवान कर दिया बेटा…” – वो “बेटा” कहकर ट्विस्टेड थ्रिल महसूस कर रही थीं। फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाया, मोटी गांड पकड़ी, लंड डाला, थप थप मारते हुए – उनकी गांड जिगल कर रही थी, वो चिल्लाईं, “आह्ह… हां सोनू, गांड मार… चोद मुझे कुत्ती की तरह!” Dost ki maa ki chudai sex story

मैंने गांड पर थप्पड़ मारे, गीले साउंड्स के साथ। पूरी रात मैंने उन्हें पेला, कई राउंड्स – मिशनरी में आंखों में देखते हुए, ऊपर बैठाकर ग्राइंड करवाते हुए, जहां उनकी जांघ पर एक पुराना निशान था, मैंने उसे चूमा, बोला, “ये निशान कितना सेक्सी है आंटी…” वो और उत्तेजित हो गईं, आखिर में स्क्वर्ट कर दिया, महीनों की प्यास से। मजा इतना आया कि अब जब मन करता, मैं चोदने पहुंच जाता, या आंटी फोन कर लेतीं। Dost ki maa ki chudai sex story

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