भाभी की बड़ी बहन को पेला

भाभी की बड़ी बहन को पेला

 

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चूत चुदाई की तलब मुझे लगी हुई थी. उन्हीं दिनों भाभी की तलाकशुदा बहन हमारे घर रहने आई. वह सेक्सी माल थी. मेरा मन उसी को चोदने का हो गया.

दोस्तो, मेरा नाम शुभम है और मैं उत्तर प्रदेश के एक जिले में रहता हूँ.

आज मैं आपको अपने जीवन की एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ जो मैंने आज तक किसी को नहीं बताई.

क्योंकि दोस्तो, आज तक मुझे कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिला, जिसे मैं अपने मन की यह बात बता सकूँ.

तो अब आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए, मैं सीधे मुख्य टॉपिक पर आता हूँ.

सबसे पहले मैं आपको अपने घर के सदस्यों के बारे में बता देता हूँ.

हमारे घर में पाँच लोग हैं. मैं, मम्मी-पापा और मेरे बड़े भैया-भाभी.

भैया की शादी तब हुई थी, जब मैं जवानी की दहलीज पर था.

ये बात उस समय की है, जब मैं पूर्ण जवान हुआ ही था.
मेरे अन्दर हवस का झरना भी उसी समय से फूटने लगा था, चूत चुदाई की तलब लगने लगी थी.

लेकिन मुझे कोई ऐसी लड़की नहीं मिल रही थी जिसे मैं अपनी हवस के झरने में नहला सकूँ.

इसी वजह से मैंने कई बार भाभी को पेलने का मन बनाया.
लेकिन उनके इरादों से मुझे समझ आ गया था कि उन्हें मुझमें बिल्कुल भी रुचि नहीं थी.

शायद इसलिए क्योंकि भैया उनकी चूत चुदाई की तलब अच्छी तरह से बुझा देते थे.
इसलिए भाभी को मुझमें कोई दिलचस्पी नहीं थी.

हालांकि भाभी और मैं अच्छे दोस्त ज़रूर थे क्योंकि वे मुझसे सिर्फ़ दो साल बड़ी थीं.

कई महीनों तक हाथ से ही अपनी प्यास बुझाने के बाद आखिरकार वह दिन भी आ गया जिसका मुझे बेसब्री से इंतज़ार था!

हुआ यूँ कि मेरी भाभी की बड़ी बहन, जिनका नाम नेहा दीदी है, वे घर आईं.

दीदी भाभी से तीन साल बड़ी थीं, उन्हें बच्चे नहीं हो रहे थे.
इस वजह से उनके ससुराल वाले आए दिन उन्हें ताने देते रहते थे.

धीरे-धीरे बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने अपने पति को तलाक दे दिया.

फिर नेहा दीदी एक किराए के मकान में अलग रहने लगीं.

इस वजह से यहां भाभी भी उदास-उदास सी रहने लगीं.

भाभी को उदास देखकर सभी घर वालों ने उनसे कहा- अगर तुम चाहो, तो अपनी बहन को कुछ दिनों के लिए यहां बुला लो. इससे तुम्हारा मन भी बहल जाएगा और उसे भी अच्छा लगेगा.

घर वालों की ये बात सुनकर भाभी खुश हो गईं!

भाभी ने तुरंत फोन लगाकर अपनी बहन को यहां आने के लिए कह दिया.

अगली सुबह जब मैं कोचिंग से लौटकर घर आया, तो भाभी ने मुझसे कहा- शुभम, तुम 12 बजे स्टेशन से नेहा दीदी को ले आना.
ये सुनकर मैंने भाभी से पूछा- आपकी दीदी आ रही हैं क्या?
भाभी बोलीं- हां, वे कुछ दिनों के लिए हमारे साथ रहने आ रही हैं.

ये सुनकर मैं अन्दर ही अन्दर बहुत ज्यादा खुश हो गया क्योंकि नेहा दीदी भाभी से भी ज्यादा हॉट माल थीं.
भाभी अक्सर मुझे अपनी फैमिली फोटोज़ दिखाया करती थीं.

नेहा दीदी के आने की खबर से मुझे खुशी इस बात की भी थी कि वे प्यासी थीं.
उनके तलाक की जानकारी मुझे थी.

अब मैं बस जल्दी से 12 बजने का इंतज़ार करने लगा.
मैं 12 बजने से पहले ही स्कूटी निकालकर स्टेशन पहुंच गया.

नेहा दीदी को लेकर मैं घर आ गया.

रास्ते में हम दोनों में ज्यादा बात नहीं हुई.
शायद वे उदास थीं इसलिए कम बोल रही थीं.

घर पहुंच कर दीदी सबसे मिलीं और भाभी के साथ उनके कमरे में जाकर बातें करने लगीं.

ऐसे ही पूरा दिन निकल गया और मुझे नेहा दीदी से ज्यादा बात करने का मौका नहीं मिला.

रात होते ही सभी लोग साथ में खाना खाने लगे.
उस समय मम्मी ने नेहा दीदी से कुछ देर बातें की, फिर खाना खत्म करने के बाद मम्मी-पापा अपने रूम में चले गए.

तभी भाभी भैया से बोलीं- आप आज शुभम के साथ उसके रूम में सो जाना! मैं और नेहा दीदी अपने रूम में सो जाएंगी.
भैया बोले- ठीक है.

वे मेरे रूम में सोने चले आए.

कुछ देर बाद भाभी और नेहा दीदी भी सोने के लिए चली गईं.

कोचिंग का काम पूरा करके मैं भी रूम में सोने चला आया.

नेहा दीदी को देखकर मेरी हवस इतनी बढ़ गई थी कि मुझे नींद ही नहीं आ रही थी.

फिर मैं टीवी चलाकर मूवी देखने लगा. इससे भैया की नींद भी खुल गई और हम दोनों साथ में मूवी देखने लगे. मूवी खत्म हुई तो हम दोनों सो गए.

अगली सुबह, जब मैं सोकर उठा, तो देखता हूँ कि नेहा दीदी बाथरूम में नहाने जा रही थीं.

उस समय उन्होंने पजामा और हाफ टी-शर्ट पहनी हुई थी.

उनके बदन का एक-एक हिस्सा साफ-साफ दिख रहा था!
उनके हिलते हुए दूध और मटकती गांड देख कर मेरे लौड़े को गर्मी चढ़ गई.

मैं तुरंत दूसरे बाथरूम में गया और लंड की गर्मी शांत करके और नहा कर बाहर आ गया.

अब मैं भी कोचिंग चला गया.

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए और मैं मौका ढूँढ रहा था कि कब मैं नेहा दीदी की जवानी का रस पी पाऊं.

आखिरकार मेरे इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हो गईं.
वह मौका मुझे मिल ही गया.

एक दिन रात के समय भैया और मैं टीवी देख रहे थे.

जैसे ही एक मूवी शुरू हुई, मैंने देखा कि ये तो बहुत ही हॉट मूवी है!

मैंने एक पल के लिए कुछ सोचा और अचानक से मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैंने मूवी को नहीं हटाया बल्कि खुद पलट कर सोने की एक्टिंग करने लगा.

भैया फोन पर बात कर रहे थे. जब उनकी बात खत्म हुई तो उन्होंने मेरी तरफ देखा और उनको लगा कि मैं सो गया हूँ.

वे मूवी देखते रहे.

अब मैं समझ गया था कि अगर नेहा दीदी को पेलना है, तो भैया को भाभी के पास पहुंचाना ही एक मात्र जरिया है.

मेरी योजना काम कर गई.
उस रात मूवी देखकर भैया का भी भाभी को पेलने का मूड बन गया.

वैसे भी भैया ने सात-आठ दिन से भाभी को नहीं पेला था.

अगले दिन जब मैं कोचिंग से लौटकर आया, तो मैंने देखा कि भैया-भाभी दोनों अपने कमरे में कुछ बातें कर रहे थे.

मुझे उनकी बातें सुननी थीं, पर बाहर तक उनकी आवाज़ नहीं आ रही थी.

मैंने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और भाभी के कमरे में किसी बहाने से चला गया.
अन्दर जाकर मैं अपने फोन की वॉयस रिकॉर्डिंग ऑन करके रख आया.

मेरे अचानक अन्दर आने से उन दोनों ने बातें करना बंद कर दीं और मुझे देखने लगे.
मैं अपना फोन चार्ज पर लगाने की एक्टिंग करते हुए फोन उधर ही छोड़ आया.

जब मैं फोन रखकर बाहर आ गया तो उन दोनों ने अपनी बातें फिर से शुरू कर दीं.

करीब आधा घंटा बाद जब उन दोनों की बातें खत्म हो गईं और भाभी बाहर आ गईं, तो मैं रूम में गया और अपना फोन उठा लाया.

मैंने अपने कमरे में जाकर रिकॉर्डिंग सुनी, तो भैया भाभी से कह रहे थे- आज मेरा बहुत मन कर रहा है कुछ करने का!
भाभी बोलीं- मन तो मेरा भी बहुत हो रहा है, पर दीदी तो हैं!

फिर भैया बोले- तुम आज एक काम करना, नेहा को शुभम के रूम में सुला देना!

पहले तो भाभी मना करने लगीं, फिर वे मान गईं.
ये सब सुनकर मेरे अन्दर हवस के लड्डू फूटने लगे थे.

अब तो मुझे बस रात का इंतज़ार था.

दोस्तो, आप सोच सकते हैं कि मेरा वह दिन कितनी मुश्किल से कटा होगा.

आखिरकार रात हो ही गई.
मम्मी-पापा दोनों अपने कमरे में चले गए.

भाभी नेहा दीदी से बोलीं- आज आप शुभम के कमरे में सो जाना!

नेहा दीदी समझ गईं कि आज उसकी बहन का सेक्स का मूड बन रहा है.

वे मेरे कमरे में सोने के लिए तैयार हो गईं.
मैं जल्दी से कोचिंग का काम पूरा करके पहले ही सोने चला गया था.

कुछ देर बाद नेहा दीदी भी कमरे में आ गईं.

उस रात उन्होंने एक ढीला-सा पजामा और टी-शर्ट पहन रखी थी.

वे दरवाज़ा बंद करके मेरे पास ही लेट गईं.

वह दिसंबर का महीना था इसलिए ठंड भी बहुत थी.
हम दोनों एक ही रजाई ओढ़े हुए थे.

नेहा दीदी को नींद नहीं आ रही थी तो वे टीवी ऑन करके मूवी देखने लगीं.

टीवी पर ‘सुपर कूल हैं हम थ्री’ जैसी हॉट मूवी आ रही थी.

नेहा दीदी को लगा कि मैं सो गया हूँ, इसलिए उन्होंने मूवी को चलने दिया.

मूवी के कुछ हॉट सीन देखकर नेहा दीदी गर्म हो गईं.
वैसे भी उन्होंने कई महीनों से कुछ नहीं किया था.
शायद उनके अन्दर भी मेरी तरह हवस की भूख भरी थी.

थोड़ी देर बाद मुझे अहसास हुआ कि नेहा दीदी अपने दोनों पैरों के बीच में हाथ रगड़ रही हैं.

अब मैं समझ गया था कि मुझे मौका मिल गया है.

मैंने करवट लेने के बहाने अपना एक पैर नेहा दीदी के पैर से टच कर दिया.

उन्होंने तुरंत अपना हाथ अपनी टांग के जोड़ से हटा लिया.
कुछ देर वे ऐसे ही लेटी रहीं.

अभी भी मेरा पैर उनके पैर से टच था.

नेहा दीदी का दिमाग घूम गया था.
वे उठीं और टीवी व लाइट बंद करके वापस लेट गईं.

अब वे आकर मेरी बगल में लेट गई थीं.
इस बार हम दोनों के बीच की दूरी कम हो गई थी.

उन्हें लग रहा था कि मैं सोया हुआ हूँ.

कुछ पल यूं ही लेटी रहने के बाद दीदी करवट लेने के बहाने मेरी तरफ और खिसक आईं.

उसी वजह से मेरे शरीर का कुछ हिस्सा उनके शरीर से टच हो रहा था.

मैंने भी अपने हाथ को उनकी तरफ रख दिया.

अचानक से दीदी ने अपने बूब्स को मेरे हाथों से टच कर दिया.

बूब्स के टच होते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपने हाथ को सीधे उनके पेट पर रखकर उनकी तरफ खिसक गया.

उसी वक्त दीदी ने अपना मुँह दूसरी तरफ कर दिया और अपना पिछवाड़ा मेरी तरफ कर दिया.

मैं अपना हाथ उनकी कमर के ऊपर से निकाल कर उनके पेट पर फेरने लगा.

उनका कोई विरोध नहीं हुआ, तो मैं अपना हथियार उनके पिछवाड़े से रगड़ने लगा.

दीदी मेरे लंड की सख्ती महसूस करके समझ गईं कि मेरा हथियार उन्हें पेलने के लिए खड़ा हो गया है.

मेरे हथियार को खड़ा देख उनसे रहा नहीं गया.
वे अगले ही मेरी तरफ मुँह करके मुझसे जोर से चिपक गईं और मेरे होठों पर जोर-जोर से किस करने लगीं.

मैं भी पूरी तरह उनका साथ देते हुए उनके बूब्स दबाने लगा.

दो मिनट ऐसे ही किस करने के बाद वे उठीं और टीवी को ऑन कर दिया, ताकि हमारी आवाज़ बाहर न जाए.

अब वे मुझे देखती हुई अपने कपड़े उतारने लगीं.

मैंने भी जल्दी से अपना लोअर और टी-शर्ट उतार दिया.

वे मेरे पास आकर फिर से मुझसे चिपक गईं.

अब हम दोनों पूरी तरह नंगे हो चुके थे.

वे मेरे होंठों से होंठ लगा कर मुझे चूमने लगीं और मैं भी उन्हें बेताबी से चूमने लगा.
मेरी जीभ जल्द ही उनके मुँह में चली गई और दीदी मेरी जीभ को चूसने लगीं.
मैंने कुछ मिनट तक उन्हें चूमा और चूसा उसके बाद मैं अपने मुँह को उनके दूध पर ले गया.

वे कामुकता से मुझे अपने दूध चुसवाने लगीं.
कुछ देर बाद वे मुझसे बोलीं- अब मुझे चोद दो.
मैंने कहा- कंडोम नहीं है?

वे बोलीं- चिंता नहीं करो. मेरे सेफ डेज चल रहे हैं.

इतना सुनना था कि मैं उनके ऊपर चढ़ गया और वे भी जल्दी से अपने हाथ से मेरे लौड़े को अपनी चुत के मुँह में लगाने लगीं.

जल्दी ही लंड अन्दर चला गया और हम दोनों की घपाघप चुदाई चलने लगी.
कुछ ही देर में दीदी बोलीं- मुझे ऊपर आने दो.

मैंने उन्हें अपने लौड़े पर ले लिया और वे मस्ती से लंड की सवारी करने लगीं.
मैं उनके दूध मसलने लगा तो वे मेरे ऊपर झुक गईं और बोलीं- तेरी भाभी की चुत में आग लगी थी न … तभी उस कुतिया ने मुझे आज इधर भेज दिया है!

मैंने कहा- तो क्या हुआ दीदी, इधर आपको भी तो मेरा हथियार मिल गया है न!
वे हंस दीं और बोलीं- हां मुझे भी मस्त लंड मिल गया है.

इसी तरह की बातों के दौरान हम दोनों ने काफी देर तक चुदाई का मजा लिया और उस रात मैंने नेहा दीदी को छह बार पेला.
उस दिन के बाद से वे मेरे कमरे में ही सोने लगी थीं.

दोस्तो, आपको मेरी चूत चुदाई की तलब कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.

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