Aunty ki chudai story गांव में चाची की जबरदस्त चुत चुदाई देखी

Aunty ki chudai story गांव में चाची की जबरदस्त चुत चुदाई देखी

Aunty ki chudai story गांव में चाची की जबरदस्त चुत चुदाई देखी

देसीXxx हिंदी कहानी में मैं गाँव वाले चाचा के घर गया. चाची को मैं चोदने की हद तक पसंद करता था. एक रात चाचा अपने दोस्त के घर पार्टी करने गए तो मैं चाची के पास सोया. यह स्टोरी आप पढ़ रहे हैं sexstoryqueen.com पर |

मेरा नाम अनुज है.
यह घटना उस वक्त की है जब मैं अपने कॉलेज में था. Aunty ki chudai story

एग्जाम खत्म होने के बाद मैंने गांव जाने का फैसला किया.

गांव में मेरे चाचा-चाची और उनका बेटा, साथ में दादी, सब एक साथ रहते हैं.

एक नौकर भी था, जिसे कुछ साल पहले चाचा ने अपनी मदद के लिए रखा था.
नौकर का नाम रमेश था और उसका घर गांव में ही था.

चाचा ने शुरू से ही खेती संभाली है और दादी ने अपने बड़े बेटे यानि मेरे पापा को शहर भेज दिया था.
पापा और चाचा की उम्र में बहुत फर्क है. Aunty ki chudai story

चाचा की शादी को 4 साल हो चुके थे. चाचा की उम्र 32 साल है, जबकि चाची की उम्र 26 साल है.
गांव में अक्सर लड़कियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है.

चाचा और चाची की शादी के वक्त मैं जवान हो गया था.
तब मैं चाची को अक्सर एक जवान लड़की की नजरों से देखता रहता था.

कई बार मेरे मन में उनके लिए गंदे ख्याल भी आते, पर मैं रिश्तों के बारे में सोचता और मेरी इच्छा मेरे मन में ही रह जाती.

देसीXxx हिंदी कहानी ऐसे बननी शुरू हुई. Aunty ki chudai story

खैर … मैं शाम को 5 बजे गांव पहुंचा.
चाचा चाची और दादी से कई दिनों बाद मिलकर अच्छा लग रहा था.

थोड़ी देर दादी के साथ बैठकर बातचीत की.

एक घंटे बाद चाचा मुझे खेत घुमाने ले गए.
वहां से हम दोनों शाम 7 बजे घर लौट आए.

मैं पानी पीने किचन में गया, जहां चाची हम सबके लिए खाना बना रही थीं.

किचन में बहुत गर्मी होने से चाची पसीने से भीग चुकी थीं. Aunty ki chudai story
आज भी चाची का बदन उतना ही आकर्षक था, जितना उनकी शादी के वक्त था.

चाची ने अपने बदन को पूरी तरह साड़ी से ढक रखा था.

चाची की सुंदरता को देखते ही अचानक मेरे हाथ से पानी का ग्लास छूट गया और पानी नीचे गिर गया.
चाची जल्दी से पौंछा लेकर आईं.

जैसे ही चाची नीचे बैठीं, उनकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया. जिससे उनका गदराया गोरा वक्षस्थल साफ दिखाई देने लगा.

पसीने से उनका ब्लाउज पूरी तरह भीग चुका था. पसीने की बूंदें उनके ब्लाउज के अन्दर जा रही थीं.

ब्लाउज गीला होने से चाची की चूचियां दिखाई देने लगीं.
उनके दूध आज भी उतने ही बड़े थे. Aunty ki chudai story

चाची पानी साफ करती रहीं और मैं उनके दूध देखता रहा.
मन ही मन मैं उनकी गांड को पकड़ कर जोर से दबाना चाहता था.

उनकी चूचियों को जमकर सहलाने की इच्छा हो रही थी.

पानी पौंछने के बाद चाची ने मेरी ओर देखा.
मैं चाची के बदन को घूर रहा था. Aunty ki chudai story

चाची ने अपने बदन पर वापस साड़ी डाल दी और मुस्कुरा कर वापस काम करने चली गईं.

मैंने कुछ नहीं किया और चुपचाप पानी पीकर बाहर चला गया.

रात को खाना खाने के बाद सब साथ में बैठकर बातचीत करने लगे.
कुछ देर बाद सब सोने चले गए.

चाचा ने मुझे अपने साथ छत पर सोने के लिए बुला लिया.
अब मैं, चाचा और चाची छत पर सो रहे थे.
दादी और चाचा का लड़का नीचे सो रहे थे. Aunty ki chudai story

कुछ देर बाद चाचा को उनके दोस्त का फोन आया.
वह अपने दोस्तों के साथ रात को खेत में पार्टी करने चले गए.

अब छत पर सिर्फ मैं और चाची अकेले थे.
चाची ने बताया कि अब चाचा सुबह ही आएंगे.

मैं समझ गया कि चाचा की पार्टी दारू की है.

चाची अपना काम करती करती थक गई थीं तो चाचा के जाने के बाद ही वे सो गईं.

मैं कुछ देर तक चाची को निहारता रहा.
फिर मैं भी सो गया. Aunty ki chudai story

आधी रात को मुझे प्यास लगी.
पहले तो मैंने चाची को जगाने का सोचा, पर वे वहां नहीं थीं.

मैं सीढ़ियों से नीचे गया.
सीढ़ियों के नीचे एक स्टोर रूम बना है.

जैसे ही मैं स्टोर रूम के पास से गुजरा, मुझे स्टोर रूम से आवाजें सुनाई दीं.

मैंने स्टोर रूम का गेट खोलने की कोशिश की.
पर गेट अन्दर से बंद था. Aunty ki chudai story

तो मैंने खिड़की से झांककर देखा और मैं हैरान रह गया.

रमेश (जिसे चाचा ने काम पर रखा था) और चाची आपस में लिपटे हुए थे.

रमेश ने चाची की साड़ी उतार दी और चाची की चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा.
चाची केवल पेटीकोट और ब्लाउज पहने हुए थीं.

अब चाची नीचे झुकीं, रमेश की पैंट उसकि टांगों से बाहर निकाली और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
रमेश का लंड चाची ने पूरी तरह अपने अन्दर ले लिया. Aunty ki chudai story

रमेश भी कम नहीं था; उसने चाची का सिर पकड़ा और जोर-जोर से लंड अन्दर-बाहर करने लगा.

मैं बाहर खिड़की से यह सब देखता रहा.

थोड़ी देर बाद रमेश ने अपना माल चाची के मुँह में भर दिया.
चाची रमेश के लौड़े से निकले माल को रबड़ी की तरह पी गईं.

अब चाची खड़ी हो गईं और रमेश से लिपट गईं.
धीरे-धीरे उन्होंने रमेश की शर्ट के सारे बटन खोल दिए. Aunty ki chudai story

चाची रमेश के बदन को चूमने लगीं और रमेश भी चाची की गांड दबाने लगा.

रमेश ने चाची के ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और पलट कर चाची की पीठ को चूमने लगा.
गांव में अक्सर औरतें ब्रा नहीं पहनतीं और चाची ने भी ब्रा नहीं पहनी थी.

चाची की पीठ को चूमते ही उनकी हवस जाग उठी और वे किसी रंडी की तरह अपनी चूचियां दबाने लगीं.

फिर रमेश ने चाची की दोनों चूचियों को दबाना शुरू किया. Aunty ki chudai story
धीरे से चाची का पेटीकोट खोलकर उन्हें नीचे से नंगी कर दिया और स्टोर रूम में रखी गेहूँ की बोरियों पर चाची को लिटा दिया.

पूरी तरह नंगी होकर चाची बोरियों पर लेट गईं.
रमेश ने अपना मुँह चाची की दोनों टांगों के बीच डाल दिया.

वह चाची की चूत को चूसने लगा.

यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा होकर तड़पने लगा.
मैंने लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा.

रमेश बड़ा ही हरामखोर इंसान निकला … वह बिना रुके चाची की चूत को अपनी जीभ से चूमता रहा.
चाची भी तड़प रही थीं और अपनी चूचियों को अपने हाथों से दबाती रहीं. Aunty ki chudai story

कुछ देर बाद चाची झड़ने वाली थीं.
उनकी आवाज निकल पड़ी- आह … आह … और चोदो रमेश … फाड़ दो मेरी चूत को … आह ऐसे ही चूसते रहो.

रमेश बिना रुके चुत को चूसता चला गया.

थोड़ी देर बाद चाची बोल पड़ीं- आह मैं झड़ने वाली हूँ … और जोर से चूस मेरी चूत को!
रमेश ने कहा- इतनी जल्दी कैसे छोड़ दूँ सेठानी जी … अभी तो आधा ही काम हुआ है. अपने माल को चुत के अन्दर ही रखो.

चाची बोलीं- मैं पहले ही काफी थक चुकी हूँ. अब और नहीं रोक पाऊंगी. Aunty ki chudai story

रमेश ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी.
चाची धीरे-धीरे आवाजें निकालती रहीं.

मैं चुपचाप खिड़की से यह सब देखता रहा और अपना लौड़ा हिलाते हुए अपने माल को अन्दर ही रोककर पूरे आनन्द से हिलने लगा.

आसपास का ध्यान न देते हुए मेरा हाथ खिड़की से टकरा गया.
खिड़की पीछे दीवार से टकरा गई. Aunty ki chudai story

अचानक हुई आवाज से चाची ने खिड़की की तरफ देखा.

मैं डर गया और चुपचाप खिड़की के पास ही खड़ा रहा.
चाची ने मुझे खिड़की के पास देख लिया.

मेरी ओर देखकर, मुझे लंड हिलाते देख चाची चौंक गईं और उन्होंने अपनी चुत का सारा माल रमेश के मुँह में झाड़ दिया.

रमेश डर के मारे खड़ा होने लगा.
लेकिन चाची ने अपने पैरों से रमेश का सिर अपनी चूत के पास ही दबा रखा.

थोड़ी देर तक चाची और मैं एक-दूसरे को देखते रहे.
चाची कुछ नहीं बोलीं. Aunty ki chudai story

रमेश ने धीरे से मुँह उठाकर कहा- लगता है कोई जाग गया है सेठानी जी!
चाची ने जवाब दिया- कोई नहीं है. बिल्ली थी खिड़की के पास. तुम मत रुको, चूसते रहो मेरे गुलाबी फूल को.

मैं चुप रहा, जबकि वह दोनों फिर से शुरू हो गए.
रमेश चाची की चूत को सहलाता रहा और चाची मुझे देखते हुए जमकर उछलती रहीं.

थोड़ी देर बाद चाची का माल बाहर आने लगा और रमेश उठकर खड़ा हो गया.
चाची भी अपनी साड़ी उठाकर बाहर आने लगीं. Aunty ki chudai story

मैं अभी और आनन्द लेना चाहता था, पर रमेश का लंड सूख गया था.

चाची काफ़ी थक चुकी थीं और अपनी साड़ी उठाकर बाहर आ रही थीं.
अचानक रमेश ने चाची का हाथ पकड़कर वापस खींच लिया.

चाची ने कहा- अब तो तुम्हारा औज़ार भी थक गया, अब क्या करने का मन है?

रमेश ने अपनी पैंट से एक गोली निकाली और खा ली. Aunty ki chudai story

उसने चाची को जबरदस्ती नीचे झुकाकर लंड चूसने को कहा, पर चाची यह सब नहीं करना चाहती थीं.

दरअसल वह वियाग्रा की गोली थी, जिससे मर्दों के औज़ार की ताकत बढ़ जाती है.

चाची ने कहा- छोड़ दो मुझे. अब मेरे अन्दर ताकत नहीं बची है. जबरदस्ती मत करो, मैं तुम्हारी सेठानी हूँ. चुपचाप मेरा कहा मानो!
रमेश ने धमकी देते हुए कहा- जैसा कहा है, वैसा ही करो. वरना मैं चिल्लाकर सबको जगा दूँगा और तुम कुछ नहीं कर पाओगी!

चाची उसे घूरने लगीं- क्या कहा तूने? Aunty ki chudai story
रमेश ने कहा- बहुत दिनों बाद सेठ घर पर नहीं है, मैं इस मौके को कैसे जाने दे सकता हूँ!

चाची पर मुझे तरस आ रहा था, पर मैं भी चाची को चुदती हुई देखना चाहता था.
चाची मेरी ओर आशा से देखती रहीं, पर मैं चुपचाप देखता रहा.

रमेश ने चाची का सिर नीचे झुका दिया.
चाची ने रमेश के दोनों गोटे अपने मुँह में ले लिए और चूसती रहीं.

यह सब देखकर मुझे चाची पर तरस आ रहा था, पर मैं चुपचाप देखता रहा.

कुछ देर बाद रमेश फिर से तैयार हो गया. Aunty ki chudai story

चाची अब और चुदवाना नहीं चाहती थीं.
उन्होंने रमेश की बांहों से छूटने की कोशिश की.

पर रमेश ने चाची को जमकर बांहों में पकड़े रखा और उनके होंठों को चूमता रहा.

चाची को चूमते हुए उसने उन्हें फिर से बोरे पर लिटा दिया.
रमेश ने चाची की दोनों टांगें उठाकर अपने कंधों पर रख लीं और धीरे-धीरे अपना लंड चाची की चूत में डालने लगा.

पूरा अन्दर जाने पर चाची की आवाज़ निकल पड़ी. Aunty ki chudai story
चाची मदद की आशा से मेरी ओर देखती रहीं, पर मैं चुपचाप उन्हें देखता रहा.

एक बार झड़ने के बाद और गोली खा लेने के कारण रमेश का जोश देखने काबिल था.

मैं चुप रहा, जबकि वे दोनों फिर से शुरू हो गए.
रमेश चाची की चूत को चोदता रहा और चाची मुझे देखती हुई जमकर उछलती रहीं.

थोड़ी देर बाद चाची का माल बाहर आने लगा और रमेश उठकर खड़ा हो गया.
चाची भी उठने की कोशिश करने लगीं.

तभी रमेश ने चाची का सिर नीचे झुका दिया. Aunty ki chudai story
चाची ने रमेश के लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसती रहीं.

इधर एक बार झड़ने के बाद भी मेरा लंड फिर से जाग उठा और मैं उन दोनों को देखकर लंड हिलाने लगा.
चाची मेरे लंड को फिर से जगते देख हैरान रह गईं.

उधर रमेश ने अपना लंड चाची की चुत में पेल दिया और चुदाई की रफ्तार एकदम से बढ़ा दी.

वह जोर-जोर से अपने लंड को चाची की चुत में अन्दर-बाहर करने लगा.

चाची के दूध उछलकर आगे-पीछे होने लगे.
चाची ने अपने दोनों दूध पकड़ लिए और मसलने लगीं.
दोनों हाथों से अपने दूध दबाती हुई चाची उछल रही थीं.

रमेश भी उन्हें जमकर चोदता रहा. Aunty ki chudai story

चाची भी कुछ देर बाद देसीXxx का आनन्द लेने लगीं और अपनी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगीं.
हरामखोर रमेश पूरी ताकत से चाची की चूत चोदता रहा.

चाची बार-बार उससे छूटने की कोशिश करतीं, पर रमेश बिना रुके अपना लंड घुसाता रहा.

दस मिनट बाद चाची की चूत पूरी तरह लाल हो चुकी थी और धीरे-धीरे चाची की चूत से झाग बाहर गिरने लगा.
रमेश ने भी अपना लंड बाहर निकाला और चाची तीसरी बार झड़ गईं.

रमेश ने अपना सारा माल चाची के मुँह में डाल दिया.
चाची को चुदती देखा तो देखकर मैं भी झड़ गया और चाची को चोदने की इच्छा और भी ज्यादा हो गई.

रमेश बाहर आ रहा था. मैं धीरे से सीढ़ियों पर जाकर छिप गया. Aunty ki chudai story
रमेश कपड़े पहनकर बाहर आया और पीछे के गेट से निकल गया.

उसने चाची को निर्दयी तरीके से चोदा. उसकी हरकतों के लिए मैं मन ही मन गालियां दे रहा था.

इतनी चुदाई के बाद चाची थक गई थीं, पसीने से भीग चुकी थीं और आंखें बंद करके लेटी रहीं.

मैं वापस छत पर जाकर लेट गया.

कुछ देर बाद चाची छत पर लंगड़ाती हुई आ रही थीं.
रमेश ने इतनी जमकर चाची की चूत मारी कि चाची की चाल ही बदल गई. Aunty ki chudai story

चाची मेरे पीछे चिपक कर लेट गईं और बोलीं- आज जो हुआ, वह किसी को मत बताना. वरना मैं …
इससे पहले कि चाची आगे बोलतीं, मैं पलटा और उनके होंठों को अपने होंठों में ले लिया.

चाची समझ गईं कि मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा.

चाची काफ़ी थक चुकी थीं और बोलीं- अभी रुक जा … उस भड़वे रमेश ने जमकर चुदाई की, मैं बहुत थक गई हूँ!

मैंने चाची को अपने मन की सारी इच्छाएं बता दीं कि कैसे मैं उन्हें शादी के बाद से चाहता था और कैसे मेरे मन में चाची को चोदने की इच्छा थी. Aunty ki chudai story
मेरी बात सुनते सुनते ही चाची सो गईं.

चाची के सोने के बाद मैं उनकी चूचियों को सहलाने लगा.

चाची के दूध पर हाथ रखकर थोड़ा-थोड़ा मसलता रहा और चाची से चिपक गया.
हम दोनों ऐसे ही चिपक कर रात भर सोते रहे. Aunty ki chudai story

सुबह सुबह मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि चाची मेरे लंड को सहला रही थीं.
उस वक्त शायद भोर सही से नहीं हुई थी क्योंकि अंधेरा अभी भी था.

चाचा घर वापस नहीं आए थे.

मैंने चाची को पलट कर चित किया और उनकी टांगों को अपनी टांगों से जकड़ कर चुदाई की पोजीशन बना ली.

वे मुझे होंठों से चूमने लगीं और जल्द ही हम दोनों के बीच एक कम देरी वाला सेक्स होने लगा.
चाची की चुत मस्त थी. Aunty ki chudai story

खुली छत पर डर डर कर चुदाई करने में ज्यादा मजा तो नहीं आया, पर उन्हें ढंग से चोदने का लाइसेंस जरूर मिल गया था.

चाची ने सुबह उठते ही सबसे पहला काम यह किया कि रमेश की गांड पर लात मार कर उसे घर से निकाल दिया.

वह मेरे सामने चाची को बुरा भला कहता हुआ चला गया.
मैंने समझ लिया था कि चाची अब मेरे लंड को अपनी चुत की नौकरी पर रख लेंगी.

इसके आगे की सेक्स कहानी अगली बार में बताऊंगा, कैसे रमेश के जाने के बाद मैंने चाची की भरपूर चुदाई की.

यह देसीXxx हिंदी कहानी आपको कैसी लगी? आप कमेंट करके ज़रूर बताएं. Aunty ki chudai story

Also Read :- Nangi girl Xxx Chudai Story बॉयफ्रेंड के दोस्त के सामने नंगी चुद गयी मैं

Xxx Gang Bang Kahani जन्मदिन के तोहफे में बीवी का गैंग बैंग करवाया

Biwi ki saheli ki chudai story बीवी की सहेली को उसी के घर पर चोदा

Leave a Comment