Antarvasna Sex Stories जवान विधवा औरत की वीरान जिंदगी में रंग भरा –

मैं, रणदीप प्रसाद, और गरिमा एक ही ऑफिस में काम करते थे। गरिमा ने कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में हाल ही में जॉइन किया था, जबकि मैं अकाउंट्स डिपार्टमेंट में था। वो एक साधारण, शांत स्वभाव की लड़की थी, जो ऑफिस में किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। चूंकि सैलरी का पेमेंट मैं ही करता था, इसलिए हमारी कभी-कभार बात हो जाया करती थी। यह स्टोरी आप पढ़ रहे हैं sexstoryqueen.com पर | Antarvasna Sex Stories
धीरे-धीरे गरिमा मुझसे थोड़ा खुलने लगी। हम दोनों ने लंच साथ में करना शुरू किया, लेकिन वो अभी भी चुप-चुप सी रहती थी। जब मैं कोई हल्का-फुल्का मजाक करता, तो वो बस हल्का सा मुस्कुरा देती थी। मुझे लगने लगा कि उसके मन में कोई गहरी बात है, जो वो किसी से शेयर नहीं करती। खैर, समय बीतता गया।Antarvasna Sex Stories
एक दिन गरिमा मेरे पास आई और बोली कि उसे कुछ पैसों की जरूरत है। उसने मुझसे एडवांस मांगा, ताकि वो बाद में अपनी सैलरी से कटवा सके। मैंने बिना देर किए उसे एडवांस दे दिया। अगले दिन वो ऑफिस नहीं आई। मैंने सोचा शायद घर में कोई जरूरी काम होगा। लेकिन दो दिन बाद भी जब वो नहीं आई, तो मैंने उसके घर फोन किया। किसी ने फोन नहीं उठाया। Antarvasna Sex Stories
शाम को मैं अपनी बाइक से घर जा रहा था, तभी बस स्टॉप पर गरिमा दिखी। मैंने बाइक रोकी। उसने मुझे देखा और मेरे पास आ गई। मैंने पूछा, “गरिमा, तुम ऑफिस क्यों नहीं आ रही?” उसने हल्के से कहा, “घर पर कुछ काम था।” मैंने देखा कि उसका चेहरा उदास था। मैंने कहा, “चलो, जहां जाना है, मैं छोड़ देता हूँ।” Antarvasna Sex Stories
वो मेरी बाइक पर पीछे बैठ गई। रास्ते में मौसम खराब होने लगा, बादल घने हो गए, और बारिश की बूंदें गिरने लगीं। मैंने बाइक एक रेस्तरां के पास रोकी और कहा, “जब तक मौसम ठीक नहीं होता, चलो एक-एक कप कॉफी पी लेते हैं।” रेस्तरां में बैठकर कॉफी पीते हुए मैंने उससे पूछा, “बता, क्या बात है? कुछ तो है जो तुम छुपा रही हो।” Antarvasna Sex Stories
उसने पहले तो कहा, “कुछ नहीं,” लेकिन मेरे थोड़ा जोर देने पर वो फूट-फूटकर रोने लगी। उसकी बातें सुनकर मेरी आंखें भी नम हो गईं। उसने बताया कि वो शादीशुदा है और एक चार साल की बेटी की मां है। शादी के एक साल बाद ही उसके पति की एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसकी बेटी पति की मृत्यु के पांच महीने बाद पैदा हुई थी। Antarvasna Sex Stories
पति की मौत के बाद उसके ससुराल वालों ने उसे ताने मारने शुरू कर दिए। वो उसकी बेटी को भी गैर की औलाद कहते थे। एक बार तो उसके देवर ने उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। तंग आकर वो अपनी बेटी को लेकर अपने मायके चली आई और अपनी मां-बाप के साथ रहने लगी। लेकिन उसके पिता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और उनकी भी मृत्यु हो गई। अब वो अपनी मां और बेटी के साथ अकेली रहती थी। उसकी मां इस समय बीमार थी और अस्पताल में भर्ती थी, इसलिए उसने मुझसे एडवांस लिया था। Antarvasna Sex Stories
उसकी दर्द भरी कहानी सुनकर मेरा दिल भर आया। मौसम अब ठीक हो चुका था, तो हमने कॉफी खत्म की और वहां से निकल गए। मैंने उसे अस्पताल छोड़ा, उसकी मां से मिला, उनके हालचाल पूछे, और फिर अपने घर चला गया। उस रात मैं सो नहीं सका। गरिमा और उसके परिवार की बातें मेरे दिमाग में घूमती रहीं। Antarvasna Sex Stories
अगले दिन ऑफिस पहुंचा तो गरिमा वहां थी। मैंने उसे अपने केबिन में बुलाया और उसकी मां का हाल पूछा। उसने बताया कि डॉक्टर ने अभी कुछ दिन और अस्पताल में रखने को कहा है। मैंने कहा, “गरिमा, अगर पैसे की जरूरत हो तो बेझिझक मुझे बता देना।” उसने हल्का सा सिर हिलाया और चली गई। Antarvasna Sex Stories
शाम को मैं उसे अपनी बाइक पर अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर ने कुछ दवाइयां मंगवाईं, जो मैंने अपने पैसों से खरीद दीं। बाद में मैं उसे घर छोड़ने गया। तब तक रात काफी हो चुकी थी। गरिमा ने कहा, “रणदीप, इतनी रात को कहां जाओगे? यहीं रुक जाओ।” Antarvasna Sex Stories
मैं अकेला रहता था, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी। उसने कहा, “मैं खाना बनाती हूँ, तुम तब तक फ्रेश हो जाओ।” मैं बाथरूम से फ्रेश होकर निकला तो देखा कि गरिमा ने कपड़े बदल लिए थे। उसने एक हल्का गुलाबी गाउन पहना था, जो उसके जिस्म पर एकदम फिट था। हमने साथ में खाना खाया। खाने के बाद मैं टीवी देखने लगा। गरिमा ने अपनी बेटी को सुलाया और मेरे पास आकर टीवी देखने बैठ गई। Antarvasna Sex Stories
टीवी देखते-देखते गरिमा की आंख लग गई। उसका सिर धीरे-धीरे मेरे कंधे पर आ गया। फिर वो फिसलता हुआ मेरी जांघों पर पहुंच गया। उसका चेहरा मेरे लंड के ठीक ऊपर था। उसकी गर्म सांसें मेरे लंड को छू रही थीं, और मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा। मैं खुद को बेकाबू होता महसूस कर रहा था, लेकिन मैंने खुद पर काबू रखा। मेरे हाथ अनायास ही उसकी कमर पर चले गए। Antarvasna Sex Stories
शायद गरिमा को भी मेरे लंड का कड़कपन महसूस हो गया था। उसने अपना चेहरा मेरे लंड से नहीं हटाया, बल्कि धीरे-धीरे अपने होंठों को मेरे लंड के ऊपर रगड़ने लगी। शायद सालों से दबी उसकी वासना जाग उठी थी। मेरे हाथ अब उसके जिस्म पर चलने लगे। उसने करवट ली और पीठ के बल मेरी जांघों पर लेट गई। उसकी आंखों में वासना की चमक थी, और वो मुझे देख रही थी। Antarvasna Sex Stories
मैंने उसकी आंखों का इशारा समझा और उसके गर्म, जलते हुए होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैं उसके होंठों को चूसने लगा, और मेरे हाथ उसके टाइट चूचियों पर चले गए। उसकी चूचियां इतनी सख्त थीं कि लगता था सालों से किसी ने उन्हें छुआ नहीं था। मैंने धीरे-धीरे उसके गाउन को ऊपर उठाया और उसकी गोरी, चिकनी टांगों पर हाथ फेरने लगा। गरिमा अब पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी। वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगी, “आह्ह… रणदीप… और करो ना…” उसकी सिसकारियां मेरे कानों में गूंज रही थीं। Antarvasna Sex Stories
मैंने उसे खड़ा किया और उसका गाउन उतार दिया। उफ! उसका जिस्म मानो भगवान ने फुर्सत में तराशा था। ब्रा और पैंटी में वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे लंड को अपने हाथों में लिया। वो उसे सहलाने लगी, फिर धीरे से अपने मुंह में ले लिया। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड के टोपे पर फिसल रही थी। मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना पूरा लंड उसके मुंह में ठूंस दिया। वो मेरे चूतड़ों को जोर-जोर से भींचने लगी। उत्तेजना इतनी बढ़ गई कि मेरा वीर्य उसके मुंह में ही झड़ गया। उसने उसे पूरा चाट लिया और मुझे देखकर मुस्कुराई। Antarvasna Sex Stories
मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेडरूम में ले गया। बेड पर लिटाकर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी उतार दी। उसकी चूत एकदम गुलाबी और बिना बालों की थी, जैसे कोई ताजा गुलाब। मैं उसकी चूत को चाटने लगा, मेरी जीभ उसके दाने पर गोल-गोल घूम रही थी। मेरे दोनों हाथ उसकी चूचियों को मसल रहे थे। गरिमा ने मेरे सिर को अपनी चूत पर जोर से दबाया और सिसकारी, “आह्ह… रणदीप… और जोर से चाटो… मेरी चूत को खा जाओ…” मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी और गोल-गोल घुमाने लगा। वो तड़प उठी और “उह्ह… हाय… मैं गई…” कहते हुए झड़ गई। Antarvasna Sex Stories
उसने फिर से मेरा लंड अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत को चाट रहा था, और वो मेरे लंड को। उसके गोल, भारी चूतड़ मेरे सामने थे, इतने गोरे कि उनमें कोई दाग नहीं। मैंने उसके चूतड़ों को जोर-जोर से दबाया, फिर अपनी उंगली उसकी गांड के छेद पर फेरने लगा। वो सिहर उठी, “रणदीप… ये क्या कर रहे हो… आह्ह…” Antarvasna Sex Stories
काफी देर तक एक-दूसरे को चाटने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से एक धक्का मारा। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड मुश्किल से आधा घुसा। गरिमा ने दर्द से सिसकारी भरी, “आह्ह… धीरे… रणदीप…” लेकिन उसने कहा, “रुकना मत… पूरा डाल दो…” मैंने जोर से धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी आंखों से आंसू छलक आए, लेकिन वो दर्द को सह गई। Antarvasna Sex Stories
धीरे-धीरे उसे मजा आने लगा। वो अपने चूतड़ उठा-उठाकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगी। उसने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट लीं और अपने हाथों से मेरे चूतड़ों को खींचने लगी। कमरे में धप-धप… घच-घच की आवाजें गूंज रही थीं। मैं पागलों की तरह उसे चोद रहा था, उसके बूब्स को चूस रहा था। गरिमा के मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं, “आह्ह… सी… रणदीप… और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो…” Antarvasna Sex Stories
कुछ देर बाद मैंने उसे अपने ऊपर लिया। उसने मेरा लंड अपनी चूत में लिया और ऊपर-नीचे होने लगी। मैं उसके चूतड़ों को जोर-जोर से भींच रहा था। वो मेरे सीने पर अपने नाखून गड़ाने लगी, “रणदीप… मेरी प्यास बुझा दो… आह्ह… मैं सालों से तरस रही हूँ…” हम दोनों की आंखों में वासना की आग थी। वो जोर-जोर से “आह्ह… उह्ह…” करती हुई झड़ गई। Antarvasna Sex Stories
मेरा जोश अभी बाकी था। मैंने उसे फिर से नीचे लिया और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। करीब दस मिनट तक लगातार चोदने के बाद मेरा लंड टाइट होने लगा। मैंने कहा, “गरिमा, मैं झड़ने वाला हूँ…” उसने कहा, “मेरी चूत में ही झड़ जाओ…” मेरे धक्के और तेज हो गए, और मैं उसकी चूत में झड़ गया। उसका चेहरा संतुष्टि से चमक रहा था। उसने मेरे होंठों को जोर से चूमा और अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। मैं भी उसकी जीभ चूसने लगा। Antarvasna Sex Stories
लंबी चुदाई के बाद हम दोनों थक गए थे। हम एक-दूसरे की बाहों में नंगे ही सो गए। अगली सुबह जब हम उठे, तो पांच बज चुके थे। गरिमा की बेटी अभी सो रही थी। गरिमा ने चाय के लिए पूछा, तो मैंने हां कर दी। वो नंगी ही रसोई में चली गई। उसके चूतड़ ऊपर-नीचे हो रहे थे, और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं रसोई में गया और उसे पीछे से पकड़ लिया। मेरे हाथ उसकी चूचियों पर चले गए, और मेरा लंड उसकी गांड की दरार में घुसने लगा। Antarvasna Sex Stories
मैंने उसकी चूत को धीरे से दबाया, तो वो सिसक उठी, “आह्ह… रणदीप… सुबह-सुबह ये क्या…” मैं नीचे बैठ गया और उसके चूतड़ों पर दांत गड़ाने लगा। वो उत्तेजित हो गई। मैंने उसकी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया। गरिमा हंस पड़ी, “रणदीप, तुम्हारी नीयत ठीक नहीं लगती!” Antarvasna Sex Stories
मैंने कहा, “गरिमा, तुम्हारी गांड मुझे बहुत पसंद है। आज मैं इसे भी चोदना चाहता हूँ।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरा पूरा जिस्म तुम्हारा है, रणदीप। ये गांड भी लो।” वो आगे झुक गई, और उसकी गांड मेरी ओर उभर आई। मैंने उसके गांड के छेद पर थूक लगाया और अपने लंड का टोपा रखा। गरिमा बोली, “रणदीप, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई। धीरे करना…” Antarvasna Sex Stories
मैंने हल्का सा धक्का मारा, और मेरा लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया। वो सिसक उठी, “आह्ह… धीरे…” मैं रुक गया। जब वो थोड़ी सामान्य हुई, मैंने जोर से धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में समा गया। वो चीख पड़ी, लेकिन मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया। थोड़ी देर बाद वो सामान्य हुई और अपनी गांड पीछे धकेलने लगी। Antarvasna Sex Stories
मैंने उसकी चूचियां पकड़ीं और तेज-तेज धक्के मारने लगा। उसकी एक टांग मैंने रसोई की स्लैब पर रख दी, जिससे उसकी गांड का छेद और खुल गया। मेरे धक्के अब पागलपन की हद तक तेज हो गए। गरिमा की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह… रणदीप… मेरी गांड मार डालो… सी…” मेरी जांघें उसके चूतड़ों से टकरा रही थीं, और धप-धप की आवाजें रसोई में तबला बजा रही थीं। Antarvasna Sex Stories
“गरिमा… मेरी रानी…” कहते हुए मैं उसकी गांड में झड़ गया। मेरे वीर्य ने उसकी गांड को भर दिया। हम दोनों हांफ रहे थे। बाद में हमने चाय पी और कपड़े पहन लिए। तब तक गरिमा की बेटी उठ चुकी थी। गरिमा ने उसे स्कूल के लिए तैयार किया और स्कूल बस में बिठाकर वापस आई। Antarvasna Sex Stories
मैंने कहा, “गरिमा, अब हम भी तैयार होकर निकलते हैं। मैं तुम्हें अस्पताल छोड़ते हुए ऑफिस चला जाऊंगा।” वो अपने कपड़े लेकर बाथरूम चली गई। उसने दरवाजा खुला छोड़ दिया और नंगी होकर नहाने लगी। उसे नहाते देख मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं भी कपड़े उतारकर बाथरूम में घुस गया। गरिमा मुझे देखकर मुस्कुराई। Antarvasna Sex Stories
शावर के नीचे हम दोनों नहाने लगे। मेरे हाथ उसके जिस्म पर चलने लगे। मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा, और वो मेरे चूतड़ों को सहलाने लगी। उसने मेरा लंड अपने मुंह में लिया और चूसने लगी। पानी हमारे जिस्मों पर गिर रहा था, और हमारी वासना भड़क रही थी। हम 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वो मेरा लंड। मैंने उसकी गांड में उंगली डाल दी, और वो मेरी गांड में। Antarvasna Sex Stories
थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपने ऊपर लिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो मेरे लंड की सवारी करने लगी, “आह्ह… रणदीप… चोद दो मुझे…” मैंने उसके चूतड़ पकड़े और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। फिर मैंने उसे नीचे लिया और उसकी चूत में लंड डालकर पागलों की तरह चोदने लगा। वो चिल्ला रही थी, “हाय… रणदीप… मेरी चूत फाड़ दो… आह्ह…” Antarvasna Sex Stories
मेरे धक्के तेज होते गए, और मैं उसकी चूत में झड़ गया। हम दोनों हांफते हुए एक-दूसरे से लिपटे रहे। फिर हमने साथ नहाया और नाश्ता किया। नाश्ते के दौरान मैंने गरिमा से कहा, “गरिमा, मुझसे शादी करोगी?” मेरा सवाल सुनकर वो दो मिनट के लिए खामोश हो गई। उसकी आंखें भर आईं। उसने सवाल भरी नजरों से मुझे देखा, जैसे पूछ रही हो कि मैं झूठ तो नहीं बोल रहा।
मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में लिया और फिर से वही सवाल दोहराया। वो मेरे सीने से लगकर रो पड़ी। फिर हम अस्पताल गए। मैंने गरिमा की मां से उसका हाथ मांगा। वो खुशी-खुशी राजी हो गईं। गरिमा की मां के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद हमने शादी कर ली। आज हमारे दो बच्चे हैं, और हम सब बहुत खुश हैं।
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